देहरादून,
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत जुड़ी महिलाओं को नया नाम ‘सौर सखी’ देने की घोषणा की है। यह घोषणा गुरुवार को मुख्य सेवक सदन, मुख्यमंत्री आवास में आयोजित मुख्य सेवक संवाद कार्यक्रम के दौरान की गई, जिसमें योजना से जुड़े विकासकर्ताओं ने भाग लिया।
🔆 महिलाओं को मिलेगा नया सम्मान – ‘सौर सखी’
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ रही महिलाओं की पहचान के लिए उन्हें ‘सौर सखी’ नाम दिया जाएगा। यह कदम महिला सशक्तिकरण और स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
🛠 हर जिले में होगा प्रशिक्षण
हर जिले में सौर प्लांटों के रख-रखाव के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी, जिससे स्थानीय युवाओं और महिलाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें। साथ ही विकासखंड स्तर पर विशेष शिविरों का आयोजन कर योजना का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
📊 अब तक 250 मेगावाट लक्ष्य हासिल, 2027 तक 2500 मेगावाट का लक्ष्य
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि राज्य में अब तक 250 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य हासिल किया जा चुका है और वर्ष 2027 तक 2500 मेगावाट तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने कहा कि रूफटॉप सोलर प्लांट्स को बढ़ावा देने के लिए विशेष सब्सिडी दी जा रही है।
🧾 सब्सिडी और ऋण सहायता:
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20 से 200 किलोवाट की परियोजनाओं पर 20% से 50% तक अनुदान
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महिलाएं, एससी/एसटी, दिव्यांगजन को 5% अतिरिक्त अनुदान
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संयंत्र स्थापित करने के लिए ऋण पर 4% ब्याज सब्सिडी
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यूपीसीएल द्वारा 25 वर्षों का पावर परचेज एग्रीमेंट सुनिश्चित
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पूरा आवेदन और स्वीकृति प्रक्रिया ऑनलाइन और पारदर्शी
🌍 भारत का सौर ऊर्जा लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट सौर बिजली उत्पादन और 2070 तक देश को कार्बन न्यूट्रल बनाने के लक्ष्य की दिशा में अग्रसर है। पीएम सूर्यघर योजना, पीएम कुसुम, और इंटरनेशनल सोलर अलायंस जैसे प्रयास इसमें सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
🏔️ स्थानीय विकास और रोजगार पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पलायन रोकने, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने, और पर्यटन के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर कार्य कर रही है। योजनाएं जैसे –
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एक जनपद, दो उत्पाद योजना
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हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड
राज्य की लोकल पहचान को देश और दुनिया तक पहुंचाने में मददगार बन रही हैं।
📣 जमीनी प्रतिक्रिया
संवाद कार्यक्रम में कई प्रतिभागियों ने योजना की सराहना करते हुए सुझाव भी दिए:
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उत्तरकाशी के शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि इससे बंजर भूमि का सदुपयोग हो रहा है।
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चमोली के विकास मोहन ने प्रचार को विकासखंड स्तर तक ले जाने की बात कही।
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पौड़ी की रूपा रानी ने महिला शक्ति को केंद्र में रख योजनाओं के विस्तार की मांग की।
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चम्पावत के केतन भारद्वाज ने रख-रखाव प्रशिक्षण की जरूरत जताई।
🎙️ कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारीगण:
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प्रमुख सचिव: आर. मीनाक्षी सुंदरम
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निदेशक उरेडा: रंजना राजगुरू
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प्रबंध निदेशक यूजेवीएनएल: संदीप सिंघल
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प्रबंध निदेशक पिटकुल: पी.सी. ध्यानी
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना सिर्फ एक ऊर्जा योजना नहीं, बल्कि उत्तराखंड की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम है। ‘सौर सखी’ के रूप में महिलाएं राज्य के सौर भविष्य की अग्रणी बनेंगी।